प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना: किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम
हमारे देश के अन्नदाता भाई-बहन दिन-रात मेहनत करके देश को भोजन देते हैं। लेकिन कई बार उन्हें उनके परिश्रम का उचित फल नहीं मिल पाता। इसी कारण सरकार ने एक बड़ा और ठोस कदम उठाया है — प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना। यह योजना खास तौर से उन 100 जिलों के लिए बनाई गई है जो कृषि के क्षेत्र में अभी पिछड़े हुए हैं। इसका उद्देश्य है: फसल उत्पादन बढ़ाना, किसानों की आमदनी बढ़ाना और खेती को ज्यादा लाभकारी बनाना। 16 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दी। यह योजना 6 सालों तक चलेगी और इसकी शुरुआत वर्ष 2025-26 से होगी। यह योजना निति आयोग की एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम से प्रेरित है, लेकिन यह पहली बार है जब कोई योजना सिर्फ और सिर्फ कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर केंद्रित है। यह योजना एक व्यापक और दूरदर्शी पहल है जो कृषि को नए आयाम देने के लिए तैयार की गई है। इसका उद्देश्य है: किसानों की उत्पादकता को बढ़ाना फसल विविधता को अपनाना (यानि एक ही खेत में कई तरह की फसलें उगाना) सस्टेनेबल खेती यानी टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल खेती को बढ़ावा देना भंडारण सुविधाएं बढ़ाना ताकि फसल को सुरक्षित रखा जा सके सिंचाई व्यवस्था सुधारना लघु व दीर्घकालिक कर्ज की सुविधा उपलब्ध कराना किसानों को तकनीकी सहायता, योजना की जानकारी और सरकारी योजनाओं से जोड़ना देश भर के 100 जिलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा। इन जिलों का चयन तीन मुख्य बातों को देखकर किया गया है: कम उत्पादकता कम फसल बोने की दर (क्रॉपिंग इंटेंसिटी) कम कर्ज वितरण हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से कम-से-कम एक जिला इस योजना में लिया जाएगा। यह चयन नेट क्रॉप्ड एरिया और ऑपरेशनल होल्डिंग्स के आधार पर होगा। हर जिले में एक "जिला धन-धान्य समिति" बनाई जाएगी, जिसमें स्थानीय किसान भी होंगे। यह समिति योजना को जमीन पर लागू करने का काम करेगी। योजना का संचालन केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर किया जाएगा। 11 मंत्रालयों और विभागों, राज्य सरकारों, निजी संस्थाओं और अन्य योजनाओं को मिलाकर योजना को लागू किया जाएगा। निति आयोग हर जिले की 117 परफॉरमेंस इंडीकेटर्स के ज़रिए प्रगति की निगरानी करेगा। हर जिले में सेंट्रल नोडल अफसर भी होंगे जो योजना की निगरानी और समीक्षा करेंगे। आस्था ऑर्गॅनिक्स की तरफ से हम यह समझाना चाहते हैं कि यह योजना सिर्फ सरकारी कागज़ तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि इसका असर सीधे आपके खेतों और जीवन में दिखेगा: उत्पादन में बढ़ोतरी — नई तकनीकों और समर्थन से पैदावार बढ़ेगी आमदनी में इज़ाफा — ज़्यादा फसल मतलब ज़्यादा कमाई भंडारण सुविधा — फसल को सुरक्षित रख पाना आसान होगा सिंचाई में सुधार — पानी की समस्या से राहत मिलेगी कर्ज़ की सुविधा — आसान शर्तों पर कर्ज उपलब्ध होगा स्थानीय रोजगार — गांवों में ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा — रासायनिक खेती से हटकर जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा हम, आस्था ऑर्गॅनिक्स में, हमेशा से किसानों की उन्नति के लिए काम करते आ रहे हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत चुने गए जिलों में हम किसानों को जैविक खाद, उन्नत बीज, और प्राकृतिक उर्वरकों के बारे में जानकारी देने का काम करेंगे। हमारा उद्देश्य है कि हर किसान को इस योजना से लाभ मिले और वह आत्मनिर्भर बने। योजना के अंतर्गत हम निम्नलिखित सेवाएं भी उपलब्ध कराएंगे: जैविक खाद फसल विविधता की सलाह खेती की तकनीक पर प्रशिक्षण उत्पादन बढ़ाने के तरीके सरकारी योजनाओं की जानकारी हमारे किसान भाई-बहनों के जीवन में बड़ा परिवर्तन लाने के लिए सरकार और Aastha Organics दोनों ही प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना एक ऐसा कदम है जो किसानों की दशा और दिशा दोनों बदल सकता है। इसलिए, अगर आपका जिला इस योजना में शामिल है, तो तैयार हो जाइए — अब वक्त है बदलाव का! Aastha Organics आपके साथ हर कदम पर है — खेत से लेकर बाजार तक। आइए, हम सब मिलकर प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को सफल बनाएं और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ें। Aastha Organics – किसान के साथ, किसान के लिए!
information Source Link :
https://ddnews.gov.in/pradhan-mantri-dhan-dhanya-krishi-yojana-will-increase-the-income-of-farmers-along-with-production-pm-modi/
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🌐 हमारी वेबसाइट पर जाएं: www.aasthaorganics.comयोजना को मिली कैबिनेट से मंजूरी
क्या है प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना?
100 जिले क्यों और कैसे चुने गए?
योजना का क्रियान्वयन कैसे होगा?
किसानों को क्या-क्या लाभ होंगे?
Aastha Organics का दृष्टिकोण
निष्कर्ष: आत्मनिर्भर किसान, समृद्ध भारत
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